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Thursday, March 6, 2014

मेरे इन्तजार का फल मजेदार चुदाई हिन्दी सेक्सी कहानियाँ ,hindi sex story,


 मेरे इन्तजार का फल मजेदार चुदाई 



मै एक बहुत सुन्दर तो नहीं| लेकिन  मै अपने बारेमे कुछ बताना चाहती हु| मेरा चेहरा साधरण और गोल है|
लेकिन मेरे मोमे बहुत ही गोल और घाटदार है|  मेरे नितम्ब भी पुरे अछे आकार के है|  लेकिन आजतक मुझे किसीने भी नहीं छुआ या प्यार किया|  मै और मेरी चुद बहुत सालोंसे तरस रही थी|
फिर एक दिन मै अपने दीदी के घर गयी | जो पटना के नजदीक ही रहेती थी|  तब मुझे गर्मियोंकी छुट्टी थी| उसका चचेरा देवर मुझे स्टेशन पर लेने आया| जब हमारी पहेली नजर मिली तभी एक दूजे के हो गए|  और फिर विक्रम म्जुहे एकर मेरे दीदी के घर आये|
दीदी के घर मै पहेले बार ही आ रही थी| बहुत सुन्दर ससुराल था| सुन्दर बड़ा सा हवेली जैसा घर| मेरे दीदी के ससुराल वाले उधर के राजनीती में अग्रेसर थे|  मेरे जीजाजी उधर के मुखिया थे| और ये उनका लाडला भाई था|
उसने मुझे अपने गाड़ी में बिठाके घर ले गया| उसके मोटर सायकल पर हम घर गए तब मेरी चुचे उसके पीठ पर दब रहे थे| मुझे गरम एहसास हो रहा था| बस अब हम घर पहुच ही गए| जाते जाते वो बोला रात में चाट पर आओ|

फिर दीदी ने मेरा स्वागत किया और दिन कैसे गुजरा पता ही नहीं चला| शाम हो गई और फी मुझे भी छत पर जाना था| मै गयी तो विक्रम भी आया था|
जाते साथ ही उसने मुझे कसके पकड़ा और फिर मुझसे भी नहीं रहा गया| मै भी उसे साथ देने लगी|  उसने मेरे ओठ से अपने ओठ लगाये और अपनी जीभ अन्दर डालके चूसने लगा| फीर ख्य था उसने मेरे मोमे दबाना चालू किया| क्या मीठा एहेसास था| मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा था| फिर उसने मेरी मोमे देखर बोला कितने सुन्दर है लगता है मै ही पहिला हु जो उसका मजा उठा रहा हु| रानी कितनी सुन्दर हो तुम| फिर उसने मेरे गीली चूत की तरफ अपना हात बढाया और उसको सहेलाने लगा|
फिर कुची देर में उसने मुझे बाज की ऊपर लिटा दिया और अपने लंड को एक ही धड़केसे अंदर घुसाया और मै आआआआआआआ………..करने लगी उसने अपने मुह से मेरा मुह बंद रखा और फिर वो दर्द भी मुझे अच्छा लगने लगा| पाहिले धीरेसे और बादमे जोरसे हिलाने लगा| और मुहे वो एहेसास अच्छा लगने लगा|
मेरे बहुत दिन के इतजार कर मुझे मीठा फळ मिल गया था|

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