एनआरआई कजिन की चूत का स्वाद
अब उसका फिगर ३४-२८-३२ का हो गया था और उसे देखकर मेरा लंड पगला गया. मैं उससे नज़रे नहीं मिला पा रहा था. उसने मुझे देखा और घूरने लगी. फिर मैं जाके रूम में बैठ गया, तो वो मेरे पास आई और कहने लगी. देखो, वी आर फ्रेंड्स और मुझे तुम्हारी फ्रेंडशिप चाहिए. फिर, हम दोनों की बातें शुरू हो गयी. काफी टाइम गुजर गया. मेरी समर वेकेशन थी, तो मैं उसके घर रहने चले गया और वहां जब वो मेरे सामने आती, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था. एकबार, वो घर में बाथ कर रही थी और घर में कोई नहीं था. उसने मुझसे टॉवल माँगा और जैसे ही, मैं उसे देने लगा. तो बाथरूम में लगे मिरर से मुझसे उसकी बॉडी दिख गयी और मैं पगला गया. एकदम गोरी बॉडी, मेरी तो लंड खड़ा हो गया. मैं भाग के टॉयलेट गया और मुठ मारने लगा. फिर सोचा, कि मुझे इसे चोदना ही है. फिर बस प्लान बनाने लगा, कि उसे कैसे चोदु? फिर मैं उसे किसी ना किसी बहाने से टच करने लगा. उससे चिपक कर बातें करने लगा. उसने भी वो नोटिस किया और शायद उसे भी अच्छा लगने लगा था और सब एन्जॉय करने लगी.
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