उसे भी अपनी चूत चुदाने की इच्छा हो रही थी
वो शायद मुम्बई से आई थी और कुछ दिनों के लिये शहर में थी। उसने मेरा थैंक्स बोला और पूछा मे आई नो योर गुडनेम मतलब क्या मैं आपका नाम जान सकती हूं। मैने कहा रहमान और अपना कालेज क्लब का विजिटिंग कार्ड दे दिया जिसपर मेरा नाम फोन नम्बर लिखा था। मैं जानता था कि तीर सही निशाने पर लगा है, और शाम को उसने फोन किया। अपना पता बताया और सीधा मुझे बुला लिया। मैं जब उसके मकान पर पहुंचा तो वो दरवाजे पर खड़ी मेरा इंतजार कर रही थी। बताया कि कोई नहीं है अंदर आजाओ। आज मुझे शहरी चूत मिलने के पूरे आसार दिख रहे थे। वो मुझे सीधा अपने क्वीन साईज्ड बेडरुम में ले गयी और वहां उसने टीवी आन कर दिया। वो मेरे पास ही बैठ गयी थी। उसने ढीठता दिखाते हुए अपने बाजू मेरे हाथों में सटा दिये थे, मैं तो पहले से ही खिलाड़ी था, सो आराम से उसके पैरों पर हाथ रख दिया और रिमोट दबाने लगा।
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