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Wednesday, December 16, 2015

रात चांदनी और मामी की गोरा बदन

रात चांदनी और मामी की गोरा बदन 

मैंने रात में मामी के दरवाज़े पर आवाज़ दी, तो उसने मेरा नाम पूछा और दरवाजा खोल दिया और मेरे हाथ में तकिया और चादर देखकर बोली कि ओहो छत पर सोने आए हो, जाओ जाकर सो जाओ, आज गर्मी बहुत है. में भी यही सोच रही हूँ कि छत पर ही सो जाऊं. फिर में छत पर चला गया. वहां धीरे-धीरे ठंडी हवा चल रही थी, मुझे जल्दी ही नींद आ गई. रात के 1 बजे अचानक मेरी आँख खुली शायद मुझे ज़ोर की पेशाब लगी थी. में पेशाब करने के लिए जगह देखने लगा तो चाँदनी रात में मामी छत के दूसरे किनारे पर सोती हुई दिखाई दी. फिर में छत के एक कोने में पेशाब करने लगा जहाँ नीचे पानी निकलने के लिए पाईप लगा था.

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