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Friday, December 4, 2015

बाहर बारिश और अन्दर चूत का पानी

बाहर बारिश और अन्दर चूत का पानी  

 मैं अपने कमरे में चली गई.. बाहर मौसम अब ठीक हो चुका था.. लेकिन हवा तेज़ चल रही थी और मैं मोमबत्ती जलाकर अपने रूम तक गयी.. लेकिन रूम तक जाते जाते मोमबत्ती बुझ गई और फिर में बाथरूम में कपड़े चेंज करने गई और मैंने एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए. तभी मुझे याद आया कि मैंने टावल तो लिया ही नहीं.. तो मैंने बाथरूम के दरवाजे को हल्का सा खोला और देखा कि ज्यादा अंधेरे में बाहर कुछ भी नहीं दिख रहा था. फिर मैं धीरे धीरे अलमारी की तरफ जाने लगी जो कि दरवाजे के बिल्कुल पास थी और मैं अलमीरा के पास पहुंच गई थी..

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