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Saturday, September 1, 2012

मेरी पहली सुहागरात

मेरी पहली सुहागरात


दोस्तों, मेरा नाम रोहित है, मेरी उम्र सिर्फ १७ साल है और मै गावं से शहर काम करने आया हु | मेरे एक रिश्तेदार एक बड़े घर मे चौकीदारी का काम करते है | इस बार जब वो गावं आये, तो मुझे बड़े घर मे काम के लिए अपने साथ लेते आये थे | जब मै शहर आया, तो मै साड़ी चीज़े देखकर दंग रहा गया था | बड़ी-बड़ी दुकाने, बड़ी-बड़ी गाड़िया, बड़े-बड़े घर, मेरी तो आखें फटी-की-फटी रहगयी थी | और जब मै घर पंहुचा; तो, मै तो बिकुल पागल हो गया | क्या बड़ा घर? बड़ी-बड़ी गाड़िया | सब कुछ सपने जेसा था | लेकिन, ये सपना जल्दी ही टूट गया | क्योकि, मै सिर्फ वहा पर सिर्फ एक नौकर था |इतने बड़े घर मे सिर्फ तीन लोग थी | बड़ी मेमसाहब, बड़े साहब और छोटी मेमसाहब | छोटे मेमसाहब मेरी उम्र की थी | मेमसाहब और साहब दोनों के पास घर के लिए समय नहीं था | साहब अपने काम मे और मेमसाहब अपने काम और पार्टी मे व्यस्त रहते थे | छोटी मेमसाहब घर अक्सर अकेले या अपने दोस्तों के साथ होते थी | मेमसाहब का कमरा बहुत बड़ा था, एक कमरे मे २-३ कमरे बने थे, अलग-अलग काम के लिए अलग | घर मे काफी नौकर थे, और मै उन सब मे सबसे छोटा था | मुझे छोटी मेमसाहब की सेवा मे लगाया था |



मुझे उनके सोने, उठने, खाने, पीने, कपड़ो का ध्यान रखना होता था | जब वो उठती थी, तब मे उनकी कमरे मे होता था और जब वो नहाती थी, तो मै उनके बाथरूम के बाहर उनके कपडे लेकर खड़ा होता था | उनके ब्रा और पेंटी भी मेरे ही हाथो मे होती थी | शुरू-शुरू मे तो, मुझ से ये काम नहीं होता था; लेकिन, बाद मे आदत पद गयी | कभी-कभी मै बाथरूम के दरवाजे के छेद मे  से बेबी को नहाते देखता था, मुझे बड़ा मजा आता था; क्योंकि, बेबी जी का बदन गोरा और बड़ा मस्त था और मेरा लंड उनको देखते ही तन जाता था और बेबी जी को कपडे बाहर से पकड़ा कर बाहर भाग जाता था | एक दिन, जब मे बेबी जी को छेद मे से देख रहा था, तो बेबी जी ने अचानक से दरवाजा खोल दिया और मुझे अंदर खीच लिया | अब बेबी जी मेरे सामने [पूरी नंगी खड़ी थे और मे मुह खोले उनके सामे खड़ा था और पानी मे भीग रहा था |

बेबी जी ने कड़कती आवाज़ मे पूछा, क्या कर रहे थे? मोम-डैड को बोलू क्या ? मेरी तो पेंट मे से सुसु निकल पड़ी | मैने उनसे छमा मांगी और दरवाज़ा खोल के जाने लगा | उन्होंने, बोला कहा जा रहा है और तुने मेरा बाथरूम को गन्दा कर दिया | अब तुझे सजा मिलेगी | अपने सारे कपडे उतार, मे तो कपडे उतारने की बजह कपडे पकड़ के खड़ा हो गया | बाबु जी फिर बोली, उतारता है या बुलइयो किसी को | मैने डरते-डरते कपडे उतारे और बेबी जी के सामने बिलकुल नंगा खड़ा हो गया | मेरा लंड भी डर के मारे सुकड गया |

बेबी जी ने मेरे लंड को हाथ मे लिया और बोले; ये बहुत छोटा है, इससे मेरा क्या होगा और अपने हाथ से मेरा हस्त्मथुन करने लगी | धीरे-धीरे मेरा डर जाने लगा और मेरा लंड खड़ा होने लगा | जब वो पूरी तरह से खड़ा हो गया, तो बेबी जी; हँ अब कुछ ठीक है, लेकिन कोई बात नहीं | आज तेरी पहली सुहागरात है, दो – तीन बार मे थोडा बड़ा हो जायेगा | फिर उन्होंने, मुझे टट्टी वाली जगह पर बिठा दिया और मेरी कमर को पीछे लगा दिया | अब मेरा लंड सीधा खड़ा हो गया और मेम साहब मेरे ऊपर यानि लंड के ऊपर अपनी चूत रखकर बेठ गयी | जससे ही, वो मेरी लंड के ऊपर बेठ कर नीचे गुई, मेरी तो वाट लग गयी | मेरी सारी खाल खीच के नीचे आ गयी और मे दर्द के मारे चीखने लगा |

बेबी जी ने अपना हाथ मेरे मुह मे घुसा दिया और अपने आप को मेरे लंड से चोदती रही | मेरा तो दर्द के मारे बुरा हाल था और वो सी-सी करके मज़े ले रही थी | थोड़े देर मे मुझे अपने अंदर से कुछ निकलने का अहसास हुआ और कुछ झटके साथ मेरे लंड से निकल के बेबी जी की चूत मे लगा | मेरी तो वाट लग गयी; क्योकि, मेरा शरीर तो निढाल हो गया | लेकिन बेबी जी अब भी मेरे ऊपर लगी हुई थी | मेरा पानी निकलते देख; वो बोली इतना जल्दी; लेकिन अभी मे प्यासी हु | फिर उन्होंने मेरा मुह के सामने अपनी चूत रख दी और चाटने के लिए बोला |

मैने मना कर दिया, लेकिन बेबी जी ने जबरदस्ती मेरे मुह को अपनी चूत मे घुसा दिया और मै भी छांटने लगा | मै अपनी जीभ किसी कुते की तरह चला रहा था थोड़े देर मे बेबी जी मचलने लगी और मेरा मुह हटा दिया और उनका पानी उनकी चूत से टपकने लगा और उनके मुह पर मुस्कान आ गयी |अब वो बोले, जा अपना लंड कल तक थोडा बड़ा कर ले, तुझे अभी बहुत काम करना है | दोस्तों, यकीं करे, मेरी बेबी जी बिकुल पागल है और उसके बाद उन्होंने और उनकी सहलियो ने जो मेरा हाल किया है,  वो मै आपको अगली कहानी मे बताउंगा  |

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