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Saturday, September 1, 2012

नौकरानी की साथ कामलीला

नौकरानी की साथ कामलीला


हेलो देस्तो, मेरा नाम अमित है और आज मै आपको अपने जीवन से जुड़ी हुई सच्ची घटना सुनता हु, जब मैने अपने दोस्त की पार्टी मे उसकी नौकरी को चोदा | मुझे अपने दोस्त सुनील की पार्टी मे सपरिवार निमंत्रण मिला और सुनील ने अपने जन्मदिन की पार्टी एक गेस्ट हाउस मे थी | मै अपने परिबार के साथ वहां गया था; उस दिन मुझे ऑफिस मे थोडा ज्यादा काम था और मेरी तबियत ठीक नही थी, लेकिन सुनील मेरा बचपन का खास दोस्त था और मेरे ना जाने पर बुरा मान जाता ; तो मुझे अपने परिवार के साथ सुनील के यहाँ जाना पड़ा | मै पार्टी मे चला तो गया, लेकिन वहा जाने के बाद मेरी तबियत और भी ज्यादा बिगड़ गयी और मुझे अपनी पत्नी को बताना पड़ा | हम मे से किसी को अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन मज़बूरी मे मेरी पत्नी को सुनील से बात करनी पड़ी |



जब मेरी पत्नी ने सुनील को ये बात बताई, तो सुनील मेरे पास आ गया और मेरी तबियत देखने लग | चुकी सुनील एक डॉक्टर था, तो कोई चिंता वाली बात नही थी | सुनील का घर, गेस्ट हाउस के पास ही था | तो उसने मुझे उसके घर चलने को कहा और मेरी पत्नी को पार्टी मे ही रुकने के लिए बोला | मै सुनील के साथ सुनील के घर आ गया और मुझे दवाई देकर सुनील ने अपनी नौकरानी को मेरा ख्याल रखने के लिए बोला | उसके बाद सुनील पार्टी मे वापस चला गया और उसकी नौकरानी मेरे सिहराने पर बैठ गयी और मैने थोडा आराम लेने के लिए बिजली बुझा दी और उसकी नौकरानी वही बैठी रही | सुनील की नौकरानी ने मेरा बहुत ध्यान रखा और मेरे पैर दबाने लगी I थोड़ी देर मेरे पैर दबाने के बाद उसके हाथ ऊपर की तरफ आने लगे | मेरे अन्दर एक अजीब एहसास होने लगा और शरीर मे मस्ती भरी सिहरन होने लगी; मै कुछ कह नहीं पा रहा था I सुनील की दी गयी दवा काफी असरदार थी और अब मै काफी अच्छा महसूस कर रहा था | उसकी नौकरानी के हाथ अब भी मेरे शरीर पर ही थे और वो मेरे शरीर पर ऊपर जा रहे थे, अब मुझे मेरे शरीर पर गुदगुद्दी महसूस होने लगी थी |

उसके हाथ अब तेजी से ऊपर जाने लगे और मेरे लंड तक पहुच गये | वो मेरे लंड के ऊपर अपना हाथ सहलाने लगी; मेरी तबियत काफी हद तक संभल चुकी थी और मुझे कोई तकलीफ नहीं थी | इसलिए मुझे भी कामुक सा अनुभव होने लगा था और मेरे लंड ने खड़ा होना शुरू कर दिया था | थोड़ी ही देर मेम मेरा लंड एकदम कस चुका था और फूलकर टाईट हो चुका था | वो नौकरानी भी गरम होने लगी थी और उसने किसी परवाह ना करते हुए, मेरे पेंट की जिप खोल दी और अपना हाथ मेरे अंडरविअर मे डाल दिया | मै भी अंदर से बेकरार होने लगा था और बड़ी ही मुश्किल से अपने आप को रोक पा रहा था | उस नौकरानी मे सेक्स की अजीब सी कशिश थी और उसने मेरी पेंट को नीचे खीचना शुरू कर दिया | मेरी पेंट की बेल्ट काफी कसी हुई थी, तो वो मेरी बेल्ट को खोल नहीं पा रही थी | अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मै भी उसकी मद्दत करने लगा | उसने मेरी बेल्ट उतारकर मुझे नंगा कर दिया और मैने अपने हाथ उसके चूचो पर रख लिए और उसके बड़े और खड़े चूचो को मस्ती मे दबाने लगा | अब, मै इतना बैचेन हो चुका था, कि मुझे उसके कपडे फाड़ने का मन करने लगा |

अँधेरे मे, हम दोनों एक दुसरे को देख नहीं पा रहे थे और अभी तक हम दोनों ने एक दुसरे का चेहरा भी नहीं देखा था | मै उस नौकरानी के सहारे से उठकर बैठ गया और हम दोनों एक दुसरे से लिपट गये | हम दोने ने अँधेरे मे ही, एक दुसरे के बचेकुचे कपडे उतारकर एकदूसरे को पूरी तरह से नंगा कर दिया | अब हम दोनों ने नंगे शरीर एक दुसरे से लिपटे हुए थे और हम दोनों के होठ आपस मे जुड़े हुए ठोर बड़ी ही कामुकता से हम एक दुसरे को चूस रहे थे | हमारी साँसे गरम थी और बड़ी तेजी से चल रही थी आआअ…..ह्ह्ह्हह्ह…….ऊऊ………लेकिन, हम दोनों सालो की प्यास बुझाने के लिए एक दुसरे के होठो का बखूबी इस्तेमाल कर रहे थे |  अचानक से, उसने मेरे होठो से अपने होठो को हटा लिया और मुझे पलंग पर धक्का दे दिया और मेरे लंड पर हमला बोल दिया | जब मै कुछ कर पता, वो मेरे लंड को अपने मुह मे ले चुकी थी और बड़ी ही मस्ती मे चूस रही थी | वो मेरे लंड को पूरा अपने गले मे उतार चुकी थी और मुझे ऐसा लगा रहा था, कि मै उसका मुह नहीं, उसकी चूत को चोद रहा हु |

मेरे लंड को उसके मुह मे मज़ा आ रहा था, तो मैने उसके मुह को ही चोदने लगा | फिर मैने उसकी चूत पर हाथ लगाया और उसकी छु को अँधेरे मे महसूस करने की कोशिश करने लगा | उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थी | उसने मुझे अपनी चूत को चाटने को बोला, लेकिन मैने उसे मना कर दिया, क्योकि मुझे सिर्फ मेरी पत्नी की चूत को चाटने मे ही मज़ा आता था | फिर, मुझे लगने लगा, कि अगर उसने ज्यादा देर तक मेरे लंड को चूसा; तो मै अपना पानी छोड़ दूंगा, तो मैने अपनी गांड को तेज हिलाना शुरू कर दिया | मेरी गांड तेज हिलते हुए देखकर वो समझ गयी और उसने मेरा लंड अपने मुह से निकालकर अपनी चूत के दरवाजे पर रख लिया | उसने मेरा लंड अपनी चूत की घंटी पर लगाया और उसको जोर-जोर से रगड़ने लगी | ऊऊऊओ…अ……………एस…….वाह……ऊ….आया…हह….उसके मुह से बहुत ही कामुक आवाज़ निकल रही थी | उसकी आवाज़े सुनकर मुझे भी जोश आ गया और मैने जोर से अपने लंड उसकी चूत मे घुसा दिया |  वो नौकरानी, मेरा जोश देखकर संतुस्थ हो गयी और अपनी गांड को हिलाकर मेरा साथ देने लगी | हम दोनों की आवाज़े पुरे कमरे मे गूंज रही थी आआआअ…..ऊऊऊ….ह्ह्ह्हह्ह….aaahhhhhh……

हम दोनों की कामुक आवाज़े एक दुसरे की उतेज़ना बड़ा रही थी और हम दोनों अपनी गांड को हिलाकर एक दुसरे को जोर से चोद रहे थे और मुझे आज उसकी चूत को फाड़ने का मन कर रहा था | अब मेरी जवानी बाहर आने के लिए मचलने लगी और मुझे मेरे लंड से मेरा पानी बाहर आने लगा | मेरा मन कर रहा था, कि मै अपने वीर्य से उसकी चूत को भर दू और उसके चूत को अपने मस्त और गरम पानी से नहला दू | लेकिन, मै कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था, इसलिए मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और मैने अपना लंड उसके शरीर पर लगा दिया | मेरा सारा गरम पानी नौकरानी के शरीर पर गिर गया और वो चिल्ला उठी | जब मेरा सारा पानी निकल गया, तो मेरा लंड सुकड़कर बिलकुल छोटा सा हो गया |

ये मेरी जिन्दगी का बड़ा अजीब सा किस्सा था, जहाँ मैने अपने संभोग की साथी का चेहरा भी नहीं देखा था | उस नौकरानी को मैने आज तक नहीं देखा | मेरा साथ कामक्रीड़ा के बाद, वो अपने को साफ़ करनेके लिए बाथरूम चली गयी और मै भी उससे बिना मिले पार्टी मे चला गया और परिवार के साथ वापस घर चला गया | उसके बाद, मै सुनील के घर कभी नहीं गया और अगर मुझे उससे मिलना भी होता था, तो मै उसके ऑफिस मे ही चला जाता था | लेकिन, वो कामुक पल मुझे हमेशा याद आते है |

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