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Thursday, September 17, 2015

मालकिन की चुदाई

मालकिन की चुदाई 

मेरे पलटने से मेरा पूरा लंड वंदना के गले तक घुस गया.. जिस कारण वंदना की आँखो से आसूं निकल आये.. लेकिन उसने मुझे लंड निकालने के लिये नहीं कहा. मेरा लंड अब उसके मुँह को चोद रहा था और मेरा मुँह उसकी चूत के दाने को चूस रहा था. लगभग 15 मिनट के बाद में वंदना के ऊपर से उतरा और अपनी पोज़िशन वंदना के पैरों के बीच मे बनाई.. वंदना अब अपने बूब्स अपने आप ही मसल रही थी और अपने निचले होंठ को अपने दातों से काट रही थी.

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