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Saturday, January 23, 2016

तनिक धीरे धीरे देवर जी गांड फाड् दोगे क्या

तनिक धीरे धीरे देवर जी गांड फाड् दोगे क्या

हमारे घर पास पास थे, तो वो रोज सुबह बालकनी पर कपड़े सुखाने आती थी तो में भी बालकनी पर पहुँच जाता और बातें भी करता रहता था और में उनकी बालकनी से उनकी पेंटी चुरा लेता और उनकी पेंटी को चाटता और मुठ मारता. एक दिन उनके परिवार वाले गावं जाने वाले थे और सिर्फ़ मेरा कज़िन और भाभी ही घर पर थे तो भैया ने मुझसे कहा कि वो आज उनके घर रुक जाए और भैया ऑफिस चले गये. भाई के जाने के बाद में उनके घर गया तो भाभी ने गेट खोला उन्होंने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी. वो क्या मस्त लग रही थी? और हम अंदर आ गये. फिर, वो मेरे लिए नाश्ता लेने गई और फिर हम दोनों ने नाश्ता किया. फिर उन्होंने कहा कि में कपड़े धोने जा रही हूँ तुम बैठो, तो में उनके बेटे के साथ खेलने लगा, फिर थोड़ी देर बाद वो सो गया तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया. फिर मैंने सोचा भाभी के साथ बात कर लेता हूँ, वो बाथरूम में कपड़े धो रही थी. फिर में बाथरूम के पास गया तो गेट खुला था और जैसे ही मैंने देखा तो वो टायलेट कर रही थी और मुझे देखकर अचानक से उठी जिससे उनकी साड़ी गंदी हो गयी और कहा कि जाओ यहाँ से और में पीछे हट गया और फिर वो गुस्से से बाहर आई और मुझे गुस्से से देख रही थी. फिर मैंने भाभी से कहा मुझे पता नहीं था. फिर उन्होंने पूछा तुम यहाँ क्यों आए थे? फिर मैंने कहा भाभी मुन्ना सो गया था इसीलिए मैंने सोचा आपके साथ बात कर लेते है.

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