ससुर ने चोदा अपने छोटे बहु को
शाम को हम सब ने खाना खाया और सोने के लिए चले गये. में रात को उनकी चुदाई के बारे में सोच रहा था कि तब करीब 11 बजे हल्की सी आवाज़ हुई. में उठकर देखने के लिए दरवाजे के होल पर आ गया. अब भाभी ने अपनी तरफ का दरवाजा खोला और पेटीकोट और ब्लाउज में ही अपने ससुर के सामने आ गयी, क्यों आज मन नहीं कर रहा क्या? तुम्हें पता है में दो दिनों से प्यासी हूँ. भाभी ने ये कहकर उसने ससुर के होठों पर अपने नरम और रसीले होंठ रख कर उनको चूसने लगी और लुंगी के ऊपर से ही अपने हाथों से लंड को सहलाने लगी. ये दिखाते हुए जैसे उनकी चूत लंड के लिए कितनी भूखी है. अब बाबूलाल ने भी अपनी बहु का साथ देना शुरू कर दिया और धीरे से पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया और फिर ब्लाऊज भी उतार दिया. निमो अब पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और बाबूलाल ने भी अपनी लूँगी उतार दी. अब तो लंड खड़ा हो गया था. अब भाभी नीचे बैठी और लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. फिर थोड़ी देर में ही लंड महाराज खड़े हो गये. भाभी अब खड़ी हो गयी और ससुर जी ने बहु को पलंग पर बैठा दिया और दोनों टाँगे खोलकर उनकी रसीली चूत को चूसना शुरु कर दिया. भाभी सिसक उठी आह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह ऊहह आआअई ईशश आह्ह्ह और ज़ोर से मजा आ रहा है. में दो दिन से प्यासी हूँ, चिंता मत कर मेरी निमो रानी, में तेरी दो दिनों की प्यास बुझा दूँगा, इतना कहकर अब वो पलंग पर आ गये.
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