बहन तेरे चूत बिना नहीं रहना रे
अब में मन ही मन उन्हें हाथ लगाने की सोच रहा था, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई. अब में बस उसे देखकर ही गर्म हो रहा था. अब में दीदी के पूरे शरीर को आँखो से निहार रहा था. मुझे आज पहली बार एहसास हुआ कि मेरी दीदी कितनी सुंदर है, अब मेरे मन में हवस पैदा हो गई थी और फिर मैंने हिम्मत करके धीरे-धीरे मेरा हाथ दीदी की छाती की तरफ सरकया तो अब मेरा हाथ कांप रहा था. फिर मैंने हल्के से मेरे सीधे हाथ की पहली उंगली उसके स्तन पर रख दी और 5 मिनट के बाद धीरे से मैंने अपना हाथ उसके स्तन पर रख दिया. अब में उसके स्तन का गोल शेप महसूस कर सकता था. फिर मैंने इंतजार किया कि कहीं दीदी जाग ना जाए, लेकिन वो गहरी नींद में थी. जब रात के 2 बज गये थे और अचानक से दादी नींद में खांसने लगी तो मैंने झट से मेरा हाथ दीदी के स्तन के ऊपर से हटा लिया और अपनी आँखे बंद कर ली. अब में कुछ वक़्त तक खामोश रहा और करीब 10 मिनट के बाद मैंने मेरी आँखे खोली तो मैंने देखा कि दीदी अब सीधी लेटी हुई थी. अब मैंने फिर से हिम्मत करके मेरा हाथ उसकी छाती पर रख दिया. अब मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. फिर मैंने धीरे-धीरे उसके स्तन को दबाया, तो क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे एकदम से करंट सा लग गया. अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और हवस का नशा मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गया था, अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी थी और अब में रुक रुककर दीदी के बूब्स दबाने लगा था.
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