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Friday, October 9, 2015

भाबी और माँ की लंड प्यास

भाबी और माँ की लंड प्यास 

मुझे पता है कि एक जवान औरत के जिस्म में कैसी आग लगती है जब मर्द ना हो तो चूत बिना लंड के बहुत तड़पती है. में आज भी बिना चुदाई के नहीं रह सकती हूँ.. तू तो जानती है कि गंगू अब भी मुझे हफ्ते में एक बार चोद लेता है.. तुझे भी कोई ना कोई बंदोबस्त करना चाहिये अपनी जवान चूत की गर्मी निकालने का.. भाभी चुपचाप सुनती रही और फिर बोली कि माँ जी आप ठीक कहती है.. पर आप तो जानती हैं कि मेरे मायके में कोई नहीं है और फिर मुझसे शादी कौन करेगा.. जबकि मेरा पति अभी ज़िंदा है. क़िसी बूढ़े के गले पड़ने से तो आपके साथ रहना अच्छा है.. आपका और देवर जी का प्यार ही मुझे ज़िंदा रहने के लिये काफ़ी है. माँ अचानक मुस्कुरा पड़ी.. हाँ में तो भूल ही गई थी.. तुम राजू को क्यों नहीं पटा लेती.. घर में मर्द है और हमको नज़र नहीं आ रहा है.

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