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Friday, October 9, 2015

आंटी की प्यारी खेलौना बना मेरा लंड

आंटी की प्यारी खेलौना बना मेरा लंड

उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और अपनी गीली चूत पर रख दिया. में उनकी चूत में कभी उंगली घुसाता, तो कभी उनकी झाटों से खेलता और बीच बीच में उनकी गांड में भी उंगली कर रहा था और रज़ाई के बाहर तो वो नॉर्मल हरकत कर रही थी, लेकिन अन्दर वो मज़े ले रही थी. मेरे हाथ मुझे बिल्कुल गीले महसूस हो रहे थे और मौसी की चूत गर्म भट्टी की तरह हो रही थी, वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, लेकिन इससे ज्यादा वो कुछ नहीं कर सकती थी. उन्होंने मुझे रोका और मेरे कान में धीरे से कहा कि बाकी का सब काम रात में और मेरे लंड को थपथपा कर वहाँ से चली गई. में बिल्कुल अजीब सी हालत में आ गया था मुझे कुछ समझ नहीं आया. बस दो चीज़ों के, एक तो ये सब कुछ गंदी बात है और दूसरी ये कि बहुत मजेदार भी है.



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