मेरा नाम ऋतु है, मैं बी.ए. फाइनल कर रही हूँ। मेरी उमर 21 वर्ष है। मेरा रंग गोरा है और कद छोटा है और मैं हापुड़ से हूँ। तो अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ।
बात उन दिनों की है, जब मैं 12 वीं पास करके गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा जी के घर रहने गई थी। उन दिनों मैं यही कोई 18 साल की थी।
मेरे मामा के चार बच्चे हैं। तीन लड़कियाँ और एक लड़का, जिसका नाम आशु था। वो हमेशा मेरे पास ही रहता था।
मैं और मेरे मामा जी के बच्चे देर रात तक बातें किया करते थे। एक बार देर रात तक हम लोग बातें करते रहे।
आशु ने मुझसे पूछा- तेरा कोई ब्बॉय-फ्रेंड नहीं है?
तो मैं जवाब दिया- नहीं.. और तेरी कोई गर्ल-फ्रेंड है?
तो वो बोला- नहीं..!
उस दिन हम ऐसे ही बातें करते हुए सो गए।
अचानक मेरी आधी रात में आँख खुली, शायद 2-3 बजे का समय हुआ होगा। मेरे मामा का लड़का आशु अपना एक हाथ मेरी नीचे वाली बगल में डाले हुए और मेरी कमर को छूकर और दूसरा हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे डाल कर हिला रहा था, उसने मुझे कस कर जकड़ रखा था और हल्के-हल्के से मेरे होंठों पर अपने होंठो रख कर चूस रहा था, कभी-कभी अपनी जीभ मेरे होंठों के बीच में डालने की कोशिश कर रहा था।
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