मैं मीरा हूं और मैं अपनी कहानी ‘ससुर ने चूत पेली’ आपको सुनाने जा रही हूं. मैं एक छोटे से शहर सहारनपुर में अपने सास ससुर के साथ रहती हूं. मेरी शादी कम उम्र में हो गयी और जब मैं जवान हुई तो मेरे पति देव कमाने के लिए अरब चले गये. भरी हुई जवानी और अकेले पन का अहसास, घर में कोई ना जवां मर्द ना देवर और मैं अकेले और तन्हा रहने लगी. अचानक से एक दिन जो भी हुआ उसने मेरी जवानी की सूरत बदल दी. उस दिन मैं अपने हैंडपंप पर जो कि आंगन के बीचोबीच लगा हुआ है और खुले में है, उसपर नहा रही थी. सास ससुर अपने कमरे में सोए हुए थे और मै सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में नहा रही थी. अपने सर पर पानी डालते हुए मैने जैसे ही ब्लाउज का बटन ढीला किया अपने भरे हुए चूंचे मुझे दिखे, मैने दोनों बटन खोल कर इंडियन ब्रा नुमाइश करनी शुरु कर दी. बहुत दिनों बाद मैने अपनी भरी हुई जवानी को अपने हाथों में लेकर देखा था. अपने ब्रा के अंदर हाथ डालकर मैने रगडना शुरु किया, गर्मी के मौसम में वैसे भी बहुत ज्यादा पसीना होता है कि मेरी ब्रा के लेस खुल गये. अब मैं पूरी नंगी थी. पतिदेव द्वारा मसली गयी चंद दिनों की छुई हुई चूंचियां आज भी कंवारी दिखती थीं. मैने उनको अपने हाथों में भर के देखा और सोचने लगी कि काश कोई होता मेरी इस भरी हुई जवानी का लुत्फ लेने वाला कि सामने से ससुर जी धोती उठाए चले आए. मुझे उनके इस तरह आने की उम्मीद न थी, पर शायद उनको बाथरुम जाना था, उनकी नजर मेरे चूंचों पर पड़ी और वो सर झुकाकर अंदर बाथरुम में चले गये.
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