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Saturday, January 10, 2015

मस्त माल

एक दिन मैंने उससे कहा- तुम ऐसे मत लेटा करो, मेरी नियत ख़राब होती है।
तो वो बोली- कैसे?
तो मैंने उसके कुरते के गले की ओर इशारा करते हुए कहा- वहाँ से कुछ अंदर का दीखता है।
तो वो शरमा गई।
फिर जब मैं अगली बार उसके घर गया तो वो फिर वैसे ही लेट गई तो मैंने उससे वही बात कही तो वो बोली अगर नियत ख़राब होती है तो कर लो।
मुझको उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी पर उसके मुँह से यह बात सुन कर मेरी तो जैसे निकल पड़ी।
मैंने कहा- सोच लो !

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