मुझे लगा, कि मेरी चूत से कुछ रिसाव होने लगा है और फिर अंकल में मेरे कपडे उतार दिए और अपने भी. मुझपर अब मेरा कोई कण्ट्रोल ही नहीं रहा और मुझे अपनी सहेली की चुदाई की कहानी याद आने लगी. अंकल का लंड हिल रहा था और उन्होंने बिना देरी के मुझे सोफे पर लिटा दिया और मेरे बूब्स को अपने मुह में भर लिया और एक साथ से अपने लंड को मेरी चूत के दाने पर रगड़ने लगे. क्या कामुक और गरम पल था. फिर, उन्होंने मेरी चूत पर अपने लंड को रखकर धक्का मारा और उनका लंड मेरी चूत में घुस गया. उम्र की वजह से उनका अपने वीर्य पर कुछ ज्यादा देर कण्ट्रोल नहीं था. लेकिन, १५-२० झटको में उन्होंने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड दिया. तब तक मेरा भी २ बार काम हो चूका था.
पूरी कहानी पढ़ने के लिये क्लीक कीजिए
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