क्या माल थी यार ! एकदम चिकनी !
क्या चूचे थे साली के ! मेरे तो हाथों में ही नहीं आ पा
रहे थे। मैंने दीपिका के चूचों को दबाना शुरु किया। बहुत मजा आ रहा था उसके चूचों को दबाने में। मेरे होंठ उसके होंठों पर थे और वो मेरे होंठों को चूस रही थी।
कुछ देर बार हम दोनों कमरे में पहुँच गये। मैंने तुरन्त ही दरवाज़ा बन्द किया और
कुछ देर बार हम दोनों कमरे में पहुँच गये। मैंने तुरन्त ही दरवाज़ा बन्द किया और
No comments:
Post a Comment