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Sunday, January 18, 2015

लंड की प्यासी सौतेली माँ और नानी

अचानक मेरे शराबी दिमाग में एक आईडिया आया. मैं उठा और तेल की शीशी ले आया और नानी के पास मुह करके खूब सारा तेल मेरे सुपाड़े पर और लंड की जड़ तक लगा दिया. फिर धीरे-धीरे नानी के पेटीकोट को ऊपर उठा दिया. नानी का मुह दूसरी तरफ था, इसलिए मुझे उनकी चूत के दर्शन हो गये थे. मैने अपने लंड को तेल पिलाकर सिर्फ नानी की चूत के पास रखा और फिर महसूस किया, कि नानी अपनी गांड को हिलाकर अपनी चूत को मेरे लंड के पास कर रही थी. मैं समझ गया, कि नानी भी चुदने के फुल मूड में थी. इसलिए मैने भी अपनी कमरका धक्का उनकी चूत पर डाला, जिससे मेरे लंड का सुपाडा उनकी चूत में घुस गया. और उनके मुह से हलकी सी चीख निकल गयी आह्ह्ह्ह …… रामू आहिस्ता से डालो ना. क्यों की तुम्हारा लंड काफी बड़ा और मोटा है. और मैने भी सालो से चुदवाई नहीं है. बेटा धीरे से और आहिस्ता से करो. ये कहकर नानी सीधी लेट गयी और अपने पेटीकोट को कमर तक ऊँचा कर लिया. अब मैं नानी के ऊपर चढ़ गया और धीरे – धीरे अपना लंड घुसाने लगा. जैसे – जैसे  मेरे लंड नानी की चूत के अन्दर जाता था वो uuuuuuuuuuhhhhhhffffff अहहहहः अहहहः की आवाज़ निकालती थी.

पूरी कहानी पढ़ने के लिये क्लीक कीजिए

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