चाची की दूध दवाके उनके चूत ली
दोस्तों आज में अपनी एक कहानी आप सभी लोगो से शेयर करना चाहता हूँ। ये बात उन दिनों की है। मेरे चाचा किसी ना किसी काम के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहते थे। कभी फार्म हाउस पर तो कभी और किसी काम के सिलसिले में। मेरे चाचा के कोई औलाद नहीं है। इसलिए जब भी चाचा बाहर रहते तो किसी ना किसी को चाची के पास सोना होता था।घर में और भी लड़के है, लेकिन सब के सब चाची के पास सोने से कतराते थे क्योंकि वो रात मे कभी अपने पैर दबवाती तो कभी सर की मालिश करवाती थी। लेकिन में थोड़ा आज्ञाकारी किस्म का लड़का था। इसलिये ज्यादातर वो मुझे ही अपने पास सुलाती थी। शुरू मे तो में भी पैर दबाने या मालिश करने से कतराता था। लेकिन एक दिन जब में उनके पैर दबा रहा था तभी मेरी नज़र उनकी सलवार पर पड़ी जो रुमाली पर से थोड़ी उधड़ी हुई थी। मेरी चाची की आदत थी कि वो पैर दबवाते दबवाते सो जाया करती थी।
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