घर की रंडी बन गयी बहन
मैने उससे कहा सच मे मुझे तेरे जैसी लड़की चाहिये उसने बात टाल दी और दूर जा कर बैठ गयी में हर रोज उसे फ्लेट पर लाने लगाभाई भाई करके उसके बदन से लिपट जाता फिर जब वो चली जाती तो उसके नाम की मूठ मार लेता मुझे अब वो बहुल अच्छी लगने लगी थी एक दिन वो शाम को फ्लेट पर आई रात के 8 बजे थे मैने उसे रात को रुकने को बोला थोड़ा मनाने के बाद वो मान गयी जैसे की में अकेला रहता था मेरे पास एक ही गद्दी थी. तो हम दोनो खाना खाकर उस गद्दी पर सो गये थोड़ी देर बाद वो मुझे बोली भाई मुझे तेरा हाथ दो नामेरे पास तकिया भी नही हैं तो मैने उसे मेरा हाथ दिया मेरा लंड खड़ा हो गया था.मैने फिर उसके साइड मे हो कर उसकी तरफ मुँह किया और उसे भी मेरी तरफ मुँह करके सोने के लिये बोला थोड़ी देर बाद मैने उसे छेड़ने के बहाने उसकी कमर पर हाथ रखा और गुदगुदी करने लगा. थोड़ी देर बाद उसकी सास फूलने लगी. मैने उसे ज़ोर से अपनी और खीचा और उसकी टी शर्ट मे पीछे से हाथ डालकर उसकी पीठ सहलाने लगा अब वो बड़ी गर्म हो चुकी थी मैने अब उसके ब्रा का हुक निकाल दिया था थोड़ी देर के बाद मैने उसे पेट के बल सुलाया और उसकी पीठ पर सोते हुये उसके बॉल्स दबा रहा था.
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