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Saturday, February 20, 2016

आओ देवर राजा अब तो मेरी प्यास बुझादो

आओ देवर राजा अब तो मेरी प्यास बुझादो 

हम रोज़ रात को खाने के बाद इधर उधर की बातें किया करते थे और वो मुझे अपनी समस्या बताती थी. जैसे कि उन्होंने मुझे एक दिन बताया कि उनके पति ने कोई दूसरी लड़की पटा रखी है इसलिए वो अक्सर घर पर कम ही आते है और वो सिर्फ़ पैसे भिजवा देते है और सिर्फ़ पैसे से तो सब कुछ नहीं होता उसके आलावा भी मुझे कुछ और की कभी जरूरत होती होगी ना? दोस्तों शायद वो मुझे उस समय ग्रीन सिग्नल देती, लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था. एक दिन की बात है और में उनके रूम में उनके बच्चो से मिलने गया तो मैंने देखा कि वहां पर कोई नहीं था और उनके दोनों बच्चे कहीं बाहर खेलने गए हुए थे. मैंने आवाज़ लगाई और अंदर वाले रूम की तरफ चला गया. तभी मेरे तो एकदम से होश उड़ गये., मुझे ऐसा लगा कि जैसे में किसी दूसरी दुनिया में हूँ और में जैसे कोई खुली आखों से सपना देख रहा हूँ क्योंकि भाभी ठीक मेरे सामने पूरी तरह नंगी खड़ी हुई थी और उनके बदन पर कोई भी कपड़ा नहीं था शायद वो अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर आई थी और अपने पूरे मस्त गोरे शरीर पर लोशन लगा रही थी और फिर जैसे ही मैंने उनको देखा तो हम दोनों की नज़रे एक दूसरे से मिल गई और कुछ पल के लिए हम एक दूसरे को देखते रहे जैसे कि वो वक़्त वहीं पर रुक सा गया हो.



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