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Sunday, February 21, 2016

चाचा जी का खिलौना हुई मेरी बुर और गांड

चाचा जी का खिलौना हुई मेरी बुर और गांड 

एक बार जब सुमन ट्यूशन पढा रही थी तब मैं किसी काम से ऊपर कमरे में गयी। जैसे ही मैं कमरे के पास पहुचीं तो मुझे सिसकारी की आवाज सुनायी पडी। मैं सावधान हो गयी। तभी मुझे फिर से हाऽऽय की आवाज सुनायी पडी। मैने धीरे से खिडकी से झांक कर देखा। वो लडके सुमन की चूंचियां दबा रहे थे। सुमन ने पेन्ट के ऊपर से ही एक का लन्ड पकड रखा था। सुमन बार बार आनन्द से सिसकारियां भर रही थी। मैं दबे पांव पीछे हट गयी और नीचे उतर आई। मेरे सारे शरीर में सनसनी फ़ैल गयी थी। मैं अपने कमरे में आकर बिस्तर पर लेट गयी। मेरी सांसे तेज चल रही थी। मेरे मन में उत्तेजना भरने लगी थी। मुझसे रहा नहीं गया…… मैं फिर से दबे पांव ऊपर गई … मैने फिर से झांक कर देखा… मुझे पसीना छूटने लग गया। कमरे में सभी नंगे थे… रवि ने अपना लन्ड सुमन की चूत में डाल रखा था…और तबियत से चोद रहा था…… सोनू ने अपना लन्ड सुमन के मुँह में दे रखा था… मैं फिर नीचे आ गयी… मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी… मैं अपनी चूत दबा कर बैठ गयी। मैं भी जवान थी…मेरे पास भी जवानी का पूरा खजाना था।

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