Pages

Monday, November 16, 2015

में तो मालिक की दासी बन गयी

में तो मालिक की दासी बन गयी 

दोस्तों मेरे जिस्म का कलर बहुत गोरा है, मेरे बूब्स और गांड का साईज़ भी बड़ा है और चेहरा भी दिखने में बहुत ही अच्छा एकदम मासूम सा है, होंठ बिल्कुल गुलाबी छोटे छोटे से है, मेरे फिगर का साईज 36-30-36 है और जब भी में किचन से चाय लेकर आती हूँ और उन्हे चाय देते समय सेठ जी हमेशा मेरे बूब्स पर नज़र रखते है और जब भी वापस किचन की तरफ जाती हूँ तो वो मेरी गांड को ताकते है, लेकिन मेरे पति उनसे कुछ भी नहीं कहते क्योंकि वो जानते है कि उन्होंने सेठ जी को कुछ भी कहा तो वो उन्हे नौकरी से हटवा देंगे. तो एक दिन की बात है जब मेरे पति दारू पीकर नौकरी पर गये और फिर बीच रास्ते में उनका किसी से झगड़ा हो गया और फिर उन्होंने जिससे ज्यादा झगड़ा होने पर उसकी कार के शीशे तोड़ दिए और घर पर वापस आकर छुप गये, में भी उनकी यह हालत देखकर बहुत डर सी गई और मैंने तुरंत कॉल करके सेठ जी को बुला लिया. तो सेठ जी ने मेरे पति से कहा कि तुम कुछ दिनों के लिए बाहर चले जाओ में उन लोगो को संभलता हूँ और उसी समय उन्होंने अपने फार्म हाउस पर मेरे पति को कुछ पैसे देकर आउट ऑफ स्टेशन भेज दिया.

No comments:

Post a Comment