अनजान में मिली चुदाई का मौका
दोस्तों हमने अक्टूबर में अपनी दुकान खोली और अब हमारी दुकान बहुत अच्छे से चल रही थी. हमने अब एक बंगला भी खरीद लिया है और रोहन ने भी पुणे में ही एड्मिशन ले लिया और मेरे बड़े बेटे ने अपना तबादला पुणे में ले लिया और अब में, मेरा बेटा और मेरी बहू हमारी दुकान संभालते है और कभी कभी रोहन भी आता है, जब उसको कॉलेज से छुट्टियाँ मिलती है.तो एक दिन वो नवम्बर का महीना था, उस दिन रविवार था और मेरी बेटी और बहू घर पर थी और रोहन ने मेरे साथ आकर सुबह करीब 9 बजे दुकान खोली और उस समय हमारे पास कुछ नया माल आया हुआ था. नई नई डिज़ाईन की ब्रा, पेंटी, जालीदार, बिना डोरी वाली पेंटी, ब्रा, और हर तरह की बिकनी थी, तो उस समय हमारे पास 4 पुतले थे.
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