Pages

Thursday, November 12, 2015

प्यासी भाबी और टपकती बुर

प्यासी भाबी और टपकती बुर 

एक रात करीब 12 बजे में अपने दोस्त के पास जा रहा था क्योंकि पिछली रात को उसका एक्सीडेंट हुआ था. तो मैंने उनके कमरे की खुली खिड़की से अंदर की तरफ झांककर देखा कि भाभी अपने गठीले बदन के साथ पलंग पर बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और भैया उनके ऊपर चड़कर उनकी चूत में अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से झटके दे रहे थे और वो साथ ही बीयर भी पी रहे थे. तो में यह सब खेल बड़े मज़े से देख रहा था. मुझे उनकी चूत में अंदर बाहर जाता हुआ लंड साफ साफ दिख रहा था और वो भी भैया को कसकर पकड़े हुई थी और सिसकियाँ ले रही थी.
फिर कुछ देर बाद अचानक से भाभी ने मुझे यह सब देखते हुए देख लिया और उन्होंने भैया की छाती पर हाथ रखकर कहा कि रूको. तो भैया ने पूछा कि क्या हुआ? भाभी बोली कि कुछ नहीं थोड़ा धीरे धीरे झटके मारो, मुझे दर्द हो रहा है. लेकिन भाभी ने भैया को नहीं बताया कि में भी बाहर खड़ा हुआ खिड़की से देख रहा हूँ और फिर भाभी चुदते हुए मुझे देख रही थी.


No comments:

Post a Comment