तब जाके तयार हुई मेरी चाची
शायद वो मेरे तने हुए लंड को घूर घूरकर देख रही थी. उनकी नजरें मेरे तने हुए लंड से हटने को तैयार नहीं थी. उनके पति पिछले 3 साल से बाहर कहीं पर नौकरी कर रहे थे और उनको यहाँ पर आए हुए भी बहुत समय हो चुका था. अब उन्होंने मेरे पास में बैठकर मेरे हाथ को पकड़कर हिलाया और कहा कि बेटा उठ जाओ 10 बज गए है. तो मैंने धीरे धीरे अपनी आखें खोली और ऐसा नाटक किया कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है कि मेरे शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है. तभी अचानक मैंने नीचे अपने खड़े हुए लंड की तरफ देखा और उनसे कहा कि सॉरी चाची मेरी पेंट कहाँ गई? और वो मैंने जानबूझ कर बाथरूम में लटका दी थी. फिर चाची मेरे लंड की तरफ देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और वो थोड़ी थोड़ी शरमा भी रही थी.
No comments:
Post a Comment