मैं समझ गया की आज इसकी चूत में कुछ ज्यादा ही कुलबुलाहट हो रही है…मैं बाईक सहलाते हुए सोचने लगा की मैं अंशिका को कहाँ लेकर जाऊ …पर उसके पीठ पर चुभ रहे मुम्मे मुझे सोचने ही नहीं दे रहे थे.
मैं : मैं अगर तुमसे आज नहीं मिलता तो मैं खुद मरने के कगार पर पहुँच जाता…
अंशिका ने अपनी कोमल उंगलिया एक झटके से मेरे होंठो पर रख दी….और बोली
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