दोनों टांग फेला कर
उनके बटले बड़े बड़े थे जो साड़ी के उपर से भी उभर के दीखते थे और उनके गांड के बारे में तो में बता भी नहीं सकता उसका गांड में इतनी मस्ती थी की अगर किसी डोकरे को उसका गांड चोदने दे दिया जाये तो वो भी नहीं छोड़ता . में चोरी चोरी उनको भी देख लिया करता था उनको याद करके मुठ मरने में भी अच्छा लगता था एक दिन सुबह में सुमन के घर गया पर घर में सुमन नहीं थी और
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