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Wednesday, February 25, 2015

वाइफ की सहेली की चूत


वाइफ की सहेली की चूत 

अँधेरा हो गया था और मौका देखकर, मैं उसे चूमने लगा गालो पर, गले पर, हाथो पर. फिर मैंने उसके होठो को चूमा. वो मना करती रही, पर मैं नहीं माना. धीरे- धीरे उसकी आना-कानी कम हुई और मैं दबाके उसके होठो को चूसने लगा. साथ-ही- साथ उसके चुचे दबाने लगा. १० मिनट चूमा-चाटी के बाद उसने मुझे रोका और कहा – बस और नहीं. ये गलत है और मुझे वापस चलने को कहा. मैंने भी सोचा, कि जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए. इतना करने को तो मिला और मैंने गाड़ी वापस मोड़ ली. पार्लर से वाइफ को पिक करने के बाद, हम घर पहुचे. घर पर हल्का- फुल्का फंशन था. जोकि रात को ९ बजे तक ख़तम हो गया और १० बजे तक सब सोने चले गये. मेरा और मेरी वाइफ का कमरा ऊपर था और चित्रा का कमरा भी वहीँ ऊपर ही था. मैंने सोचा, कल चित्रा की सुहागरात है और उसके बाद शायद ही मुझे कभी मिलेगी. तो मैंने ठान ली, कि आज उसे चोदना ही है. कुछ ११:३० बजे, मेरी वाइफ के सोने के बाद; मैंने अपने कमरे से बाहर निकला और चित्रा के कमरे के दरवाजे को नोक किया.

पुरे कहानी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिय 

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