Pages

Saturday, February 21, 2015

उस रात !

                    उस रात !

हाथ मेरी कमर पर आ गये और मेरे बदन को सहलाने लगे। उसने मुझे अपने और करीब खींच लिया और यह पहली बार था कि मैं किसी मर्द के इतने करीब थी।
ह्मारे होंठ अभी भी एक दूसरे से जुड़े हुए थे और मैं उसके मरदाने स्वाद का मज़ा ले रही थी।
मेरी उंगलियाँ उसकी बाजुओं पर आ गई और उसकी मसल्स की सख्ती से मेरा बदन गरम होने लगा।
राज के हाथ अब मेरे बदन का जायजा लेने लगे थे और जल्दी ही मैंने उसकी उंगलियाँ अपनी ड्रेस की ज़िपर पर महसूस की

                 पुरे कहानी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिय 

No comments:

Post a Comment