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Thursday, February 12, 2015

जवानी का रस


                     जवानी का रस


जब दरवाजा खुला तो मैं… सब भूल गया। क्या स्वप्ना थी, मेरी भाभी और ऋतेश की बीवी.. उसके बहुत ही सुन्दर और बड़े स्तन अपनी उठी हुई जवानी का अहसास करा रहे थे।
उसका ब्लाउज बहुत ही कसा हुआ था और उसके उरोजों को सम्भालने में असमर्थ था। इसका पता ब्लाउज से ऊपर आ रहे उरोजों से हो रहा था।

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