आंटी की शरारत
एक दिन मैं आंटी के घर गया और मैंने दरवाजा खटखटाया।
काफी देर तक आंटी ने दरवाजा नहीं खोला।
मैंने दरवाजे को धक्का दिया तो वह खुल गया।
मैं अन्दर गया तो वहाँ कोई नहीं था। मैंने सारे घर में देखा लेकिन मुझे कोई नहीं दिखा।
फिर मैं आंटी के कमरे की तरफ गया तो मुझे कुछ आवाजें आईं। मैंने कमरे के दरवाजे की आड़ में से देखा तो आंटी का पलंग दिखा जिस पर आंटी लेटी थीं और
पुरे कहानी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिय
No comments:
Post a Comment