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Wednesday, March 9, 2016

जगह कहीं भी हो लंड को चूत की भनक लगती हे

जगह कहीं भी हो लंड को चूत की भनक लगती हे 

अब में सपना आंटी के पीछे खड़ा था और अब मेरा दिल उनकी बाहर निकली हुई गांड देखकर मचलने लगा तो मैंने सोचा क्यों ना एक चान्स मारा जाए? फिर मैंने अपना लंड जो कि आधा खड़ा था वो आंटी की गांड पर टच कर दिया और वो झट से पीछे पलट कर देखने लगी, तो में डर गया, लेकिन आंटी ने एक नॉटी स्माइल देकर फिर आगे देखने लगी. अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था. अब में और आगे होकर लंड को गांड पर महसूस करने लगा और वो भी अपनी गांड पीछे करके लंड को दबाने लगी. फिर मैंने इधर उधर देखा तो अब हमें कोई नहीं देख रहा था और फिर में अपना एक हाथ आंटी की गांड पर रखकर आगे झुककर देखने लगा और फिर धीरे-धीरे गांड को सहलाने लगा. फिर सब वहाँ से हटने लगे और में थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया. फिर आंटी मेरे पास आई और मुस्कुराते हुए बोली कि मज़ा आया तो में बोला कि अभी कहाँ मज़ा आया? तो वो बोली जब रात में सब सो जायेंगे तो पीछे स्टोर रूम में आ जाना. अब में बहुत खुश हो गया और सबके सोने का इंतजार करने लगा.

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