नशीली गांड और दमदार चूची वाली चाची
जैसे ही मैं चाची के चुन्चो से टकराया मेरी और चाची की नजर मिली, मैंने देखा की चाची की हलकी मुस्कान उसके होंठो पर फेल गई, मुझे लगा की चाची को भी इससे अच्छा लगा होगा | अब में जान बुझ कर हर छोटे खड्डे में भी उससे टकराने लगा और चाची भी कभी कभी सामने से टकरा जाती | मेरी हिम्मत खुल गई, ऐसे भी खाना हो गया था इसलिए शायद ही ट्रक अब रुकने वाला था और अगर रुका भी तो इतना वक्त तो मिल ही जाएगा..! ट्रककी केबिन से पीछे कुछ दिखे इसकी भी गुंजाइश ढेर से सामान के खिड़की को ढँक देने से खत्म हो गई थी |मैंने अब अपने हाथ चलाने शरू कर दिए, एक खड्डे पर मैंने चाची के चुंचे पर रखे हाथ हटाए नहीं बल्कि धीमे ससे हाथ उनकी गांड पर ले गया और उनकी चुन्चो जितनी ही मुलायम गांड सहेला दी | चाची ने एक लंबी सांस ली और वह कुछ बोली नहीं | मैंने अब हाथ को गांडके ऊपर चलाना शरू कर दिया और चाचीने चद्दर खिंच ली ताकि उसका शरीर ढँक जाएं | चाची का मतलब था की करेंगे लेकिन बहार नहीं, चद्दर के अंदर…! मैंने अब चाचीकी गांडसे हाथ ले लिया और में उसके सेक्सी कड़े स्तन दबाने लगा, चाची कुछ नहीं बोल राही थी ट्रक के धक्को में वह भी उत्तेजित हुई पड़ी थी |
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