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Thursday, March 24, 2016

वो बोली सूंघना छोड़ जल्दी चोद हरामी

वो बोली सूंघना छोड़ जल्दी चोद हरामी 

एक महीने बाद, मेरी और उसकी पहली सैलरी आई. वो और मैं बहुत खुश थे. मैंने उसे बोला, मुझे पार्टी कब दे रहे हो? तो उसने बिना शर्माए बोला, जब आपका मन करे, तब ले लेना. वैसे भी, आपने मेरी बहुत हेल्प करी है. हमने सैटरडे का दिन फ़ाइनल किया. क्योंकि सन्डे को हमारी छुट्टी होती है. सैटरडे को वो और मैं एक साथ ऑफिस से बाहर निकले और ग्रामीण सेवा पकड़ कर, मेरे फ्लैट पर चल दिए. रास्ते में, मैंने पूछा – कुछ ड्रिंक लेना पसंद करोगी? उसने बोला – हाँ, थोड़ी वोडका ले लुंगी. मैंने रास्ते से एक बोटेल वोडका और कुछ खाने का सामान लिया और मेरा फ्लैट पर चल दिए. वहां जाकर, हमने २-२ पेग लिए और बातें करने लगे और उसने मुझे हेल्प करने के लिए थैंक्स बोला. वो बात करते – करते रोने लगी और बोली – अगर, आप नहीं होते. ये जॉब नहीं होती मेरे पास. मैंने उसे चुप करवाया. उसके आंसू पूछे और वो एकदम सा मेरे गले लग गयी. उसकी चूची मेरी छाती पर लगने लगी. पहले मुझे कुछ अजीब सा लगा. फिर बाद में, मुझे भी मज़ा आने लगा. मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पा घुमाने लगा और उसे समझाने लगा. मेरा ऐसा करने से शायद वो गरम हो गयी थी.

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