Pages

Sunday, March 1, 2015

पड़ोसन कि चूत

पड़ोसन कि चूत 

लेकिन, मैंने कहा रुक जाओ १० मिनट के लिए. वो कहने लगी, नहीं. मुझे से नहीं गया और मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उन्हें किस करने लगा. भाभी मेरे से छुटने की कोशिश कर रही थी. लेकिन, मैं कहाँ छोड़ने वाला था. मैंने भाभी को किस करना नहीं छोड़ा और भाभी का गाउन ऊपर उठा दिया. भाभी की ब्रा को ऊपर किया और बूब्स चूसने लगा. भाभी को पता नहीं क्या हुआ और उन्होंने मुझे झपट लिया और कप वहीँ छोड़ कर गुस्से में चली गयी. नेक्स्ट डे मोर्निंग में बच्चे स्कूल चले गये और मैंने काम से छुट्टी कर ली. भाभी बाहर आकर झाड़ू लगाने लगी, लेकिन मेरी तरफ देखा भी नहीं. मैंने भी कुछ नहीं कहा. दोपहर १२ बजे मैंने मेसेज किया – सॉरी. भाभी का कोई रिप्लाई नहीं आया. फिर मैंने फिर से मेसेज किया और तब भाभी ने रिप्लाई किया – तुमसे एसी उम्मीद नहीं थी. मैंने मेसेज कर के कहा – आप को फ़ोन कर सकता हु? फिर मेसेज आया – क्यों? मैंने लिखा – बस ऐसे ही. सोचा – बात कर लू.

पुरे कहानी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिय 

No comments:

Post a Comment