मैंने उसका लंड बाहर निकाला और वो मेरे ब्लाउज में हाथ डालकर जोर- जोर से दबाने लगा. मैं उसका लंड मुठ्ठी में पकड़कर मुठ मारने लगी. मैं जोर- जोर से मुठ मार रही थी और वो भी जोर से दबा रहा था. कहीं पति ना जाग जाए, इसलिए मैं जल्दी से जल्दी उसका पानी निकालना चाहती थी. साले का बहुत ही सख्त था. मैंने स्पीड तेज की, तो दोनों की कुर्सिया हिलने लगी. उसके बगल वाला और आगे वाले समझ गये. मैंने किसी की परवाह ना करते हुए, उसकी मुठ मारती रही. आखिर उसका पानी निकला और मेरी मुठ्ठी उसके माल से भर गयी.
मैंने साड़ी से पोछा. मैं बहुत खुश थी. जिन्दगी में पहली बार इतना मोटा लंड हाथ में पकड़ा था. मैंने इशारो में फ़ोन नंबर माँगा, उसने दिया. पिक्चर छुटा और मैं पति के साथ घर चली गयी, पर दिमाग में उसका लंड घूम रहा था. मैं बैचेन थी. सुबह पति के जाने के बाद, मैंने सोचा जो होगा देखेंगे. एकबार तो उस तगड़े लंड से चुदवा ही है. उसे फ़ोन किया, बात हुई. मैंने उसे घर बुलाया. वो आया. मैंने दरवाजा बंद कर लिया. उसने तुरंत मुझे बाहों में भर लिया. हम दोनों एकदुसरे को चूमने लगे. मैंने उसकी पेंट उतारी और लंड को बाहर निकाल कर चूसने लगी.
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