परेसान सोसाइटी की आंटी
परेसान सोसाइटी की आंटी
सारी रात चोदेगा और ये बात किसी को नहीं बताएगा. तभी मैं मानूगी. तुम्हारे अंकल घर से बाहर रहते है. इस वजह से मैं प्यासी हु. बाहर तेरा खड़ा लंड देखकर, मैं गरम हो गयी थी. तभी से तुझसे चुदवाना चाह रही थी. अगर तू मेरी प्यास बुझा सकता है. तो जो तू मांगेगा, मैं वो तुम्हे दूंगी. और क्या चाहिए था, ये सुनते ही मैंने उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और उन्हें जोर – जोर से चूमने लगा. करीब १५ मिनट हमने किस की और मैंने आंटी के मम्मे दबाये. फिर, मैंने आंटी के कपडे उतारने शुरू किये. पहले उनका कुरता निकाला और उनके बाल्स उभरकर, मेरे हाथ में आ गये. आंटी ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. फिर, मैंने उनके मम्मो को चूसा, आंटी सिसकिया लेने लगी. अहहहः आआआआआ ऊऊओह्हह्हह और जोर से अहहहाह .. जोर से चुसो… फिर कुछ देर बाद, मैंने आंटी की सलवार निकाल दी और उनकी गांड देखकर और एक्साइट हो गया..
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