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Monday, July 20, 2015

मेरी हवस की शिकार बनी मेरी माँ -भाग 1

मेरी हवस की शिकार बनी मेरी माँ -भाग 1 

बसंती के लिए ये सचमुच अनोखा अनुभव था. वो हिंदी भाषा ना तो समझ पाती थी ना ही बोल पाती थी. वो परेशान थी . लेकिन चांग ने उसे समझाया कि वो धीरे धीरे सब समझने लगेगी.रात में जब सोने का समय आया तो दोनों एक ही बिस्तर पर सो गए. चांग का बिस्तर डबल था. इसलिए दोनों को सोने में परेशानी तो नही हुई. परन्तु चांग तो आदतानुसार किसी तरह सो गया लेकिन पहाड़ों पर रहने वाली बसंती को दिल्ली की उमस भरी रात पसंद नही आ रही थी.वो रात भर करवट लेती रही. खैर! सुबह हुई. चांग अपने कारखाने जाने के लिए निकलने लगा. बसंती ने उसके लिए नाश्ता बना दिया. चांग ने बसंती को सभी जरुरी बातें समझा कर अपने कारखाने चला गया. बसंती ने दिन भर अपने कमरे की साफ़ सफाई की एवं कमरे को व्यवस्थित किया.

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