मेरी हवस की शिकार बनी मेरी माँ -भाग 2
थोड़ी ही देर में उसका लंड ने माल निकालना शुरू कर दिया. चांग ने अपने लंड को अपनी माँ के चूत के पेंटी के ऊपर सटा दिया और सारा माल बसंती के पेंटी पर गिरा दिया. बसंती चुप-चाप उसके गर्म गर्म वीर्य से अपने पेंटी को भींगते रहने का अहसास करती रही. और मन ही मन खुश होती रही कि अब उसका बेटा ही उसकी प्यास शांत करने के लिए तैयार हो रहा है. चांग मुठ मरवाने के बाद निढाल हो कर अपनी माँ के बदन पर से हट गया और सो गया. बसंती ने भी अपनी पेंटी खोल कर मुठ मारा और पेंटी को वापस पहन कर सो गयी. सुबह तक वो उसी पेंटी में थी.. वो चांग के बगले में सट कर बड़े ही प्रेम से चांग को जगाया. चांग जागा तो बसंती ने उसके लंड के बाल में अपनी उंगली फिराते हुए कहा - कल रात तुने कहाँ माल निकाल दिया, तुझे पता है? देख तो मेरी पेंटी का क्या हाल हो गया है? पूरा भींग गया है. रात भर मै इसी तरह सोयी रही.
No comments:
Post a Comment