Pages

Monday, July 6, 2015

गलती सुधारना चाहता था दूसरी हो गयी

गलती सुधारना चाहता था दूसरी हो गयी 

मुझे यह सब देखकर बहुत बुरा लगा. क्योंकि मैंने अपनी बहिन के बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा था. यह सब एक घटना थी जो हमारे साथ घटित हुई.. अब में भी शर्म के मारे उसके ऊपर से हट गया. अब मुझमें उससे सॉरी कहने की हिम्मत भी नहीं थी.. वो वहाँ से एकदम उठकर अपने कमरे में भाग गयी और उसके जाने के बाद वो पूरी घटना मेरे दिमाग़ में घूमने लगी और मुझे बहुत पछतावा हुआ और उसी बात को सोचकर.. कब मेरी आँख लग गयी मुझे पता ही नहीं चला. फिर दूसरे दिन जब सुबह में उठा और नाश्ते के लिए नीचे गया तो मैंने देखा कि वो भी मेरी माँ के साथ किचन के काम में लगी हुई थी.. मेरा चेहरा लाल हो गया था और मुझमें बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी कि में उसके सामने उससे नजरें मिलाकर देख सकूँ और मुझे उसे सॉरी बोलना था.

No comments:

Post a Comment