अच्छे-अच्छे लौड़ों से मैंने खूब चुदाई करवाई है और अब मैं आप सबको शादी के बाद का किस्सा सुनाने जा रही हूँ।
मेरा पति बहुत ढीला है, उसका लौड़ा भी कुछ ख़ास नहीं है। मैं जिस स्कूल में जॉब करती हूँ वो स्कूल बारहवीं कक्षा तक है।
जब मैं चलती हूँ तो मेरी गांड ऊपर नीचे हिलती है। मैं सूट भी भड़काऊ किस्म के पहनती हूँ। लड़कों की नज़र मेरी छाती और गांड पर आ टिकती है। जवान जवान लडके हैं, कई लड़के तो बिल्कुल नहीं डरते और कमेन्ट देने से परहेज़ नहीं करते।
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