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Saturday, December 13, 2014

आह, क्या मस्त चिकनी चूत थी।

हमने कम्बल अपने पैरों पर फ़ैला कर बात करना शुरू किया। मेरा ध्यान बार बार उसकी चूचियों पर जा रहा था, जो उसके स्वेटर पर से भी काफी बड़ी लग रही थी।
जब मैं उसकी चूचियों को देखता तो वो मुस्कुरा देती, इससे मेरा हौसला और बढ़ रहा था।
मैंने फिर अपना पैर कम्बल के अंदर उसके पैर से धीरे से सटाया तो वो कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा दी।
मैं समझ गया कि वो भी मस्ती के मूड में है। मैंने धीरे-धीरे अपना पैर उसके जांघों के बीच में रख दिया और

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