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Thursday, December 25, 2014

आराम से चलाइए ना

मैंने उसे चुप कराने के लिए उसका हाथ पकड़ लिया और उसे शांत करने की कोशिश करने लगा ..

इस बीच मैंने महसूस किया कि उसने अपना हाथ छुड़ाने को कोशिश भी नहीं की।

मैं धीरे धीरे अपनी उंगलियों को को उसके हाथों में फिराने लगा… वो चुप रही मेरी हिम्मत बढ़ती गई। फिर मैंने उसके गुलाबी नर्म होंटों पर अपने होंट लगा दिए और फिर चूमता गया उसकी आँखों, माथे और फिर नीचे की ओर गले में ……………………. प्लीज आशु ….. नहीं, लेकिन उसने हाथ को छुड़ाने की कोशिश नहीं की !

फिर मैं अपना दूसरा हाथ उसकी कमर में फिराने लगा

                                                                             

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