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Sunday, December 21, 2014

चुदाई का नशा

भीमा की नजर मेरे स्तन पर पड़ी और मैंने उसकी तरफ देखा. भीमा की तरफ मेरी नजर में पूरी लालच भरी थी जिसे वह भी पढ़ रहा था. मैंने उसे कहा की तुम बहार मत जाना जब तक जय नहीं आता मुझे डर लग रहा हैं और नींद भी आ रही हैं. मैंने भीमा को कहा की मैं पलंग पर लेट जाती हूँ, लेकिन उसे उठने के लिए मैंने मना किया. पलंग सिंगल बेड था और मेरे लेटते ही भीमा की जांघ की साइड पर मेरी जांघ टच होने लगी. मैंने कुछ 1 मिनिट तक आँखे बंध की, भीमा को मैंने आँखे चुपके से थोड़ी खोल के देखा. उसने अपना सर पलंग की बेठक पर जमा दिया था और वोह आँखे बंध करके लेट सा गया था. मैंने अपना हाथ हलाया और भीमा के टांग

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