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Saturday, December 6, 2014

.....धीमे धीमे उसके .....

वाशबेसिन में हाथ धोने के बहाने बिल्कुल उससे सट कर लण्ड उसके चूतड़ों पर अड़ा दिया और हाथ धोए।

मीतू ने पलट कर मेरी तरफ देखा और मैं उसे स्माईल दे रहा था।

वह भी हंस पड़ी।

फिर क्या, अब तो हरा सिग्नल मिल गया था मुझे, केवल सही पटरी पर चलना था बस।

मैंने मीतू को कहा- मीतू, खाने में क्या बनाया है?

मीतू बोली- करेला आलू, अरहर की दाल और चावल-रोटी !

मैं हंसा और बोला- मुझे कभी रोटी बनानी नहीं आई और अब तो अच्छा रूम मिल गया तो खाना मुझे ही बनाना है कुछ दिनों में!

मीतू बोली- कोई बात नहीं चाचू, मैं आपको सिखा दूँगी बाद में!

मैंने कहा- बाद में क्यों?


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