उसने मुझे टोका, बोली- क्या रे, कभी किसी के दुद्दू भी नहीं दबाए क्या? जरा धीरे धीरे आराम से !
फिर धीरे से अपनी ब्रा को बदन से अलग किया और जो नजारा था वो क्या बताऊँ दोस्तो, गोल सफेद एकदम ठोस ! शायद ही मैंने जिंदगी में ऐसे दुद्दू देखे हों !
अब तो मेरा लौड़ा पूरी तरह से खड़ा हो गया था और मस्ती में नाचने लगा था, मैंने रोशनी से कहा- दीदी, क्या अब चोदने की क्रिया चालू करें?
रोशनी बोली- अबे गांडू, क्या मुझे मां बनाने का इरादा है? कंडोम लगा और फिर चोद !
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