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Thursday, May 14, 2015

चुदाई का वोह वक्त आ ही गया

चुदाई का वोह वक्त आ ही गया 

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम मुकेश है मेरी उम्र 23 साल की है। में कोटा राजस्थान से हूँ। दोस्तों में पहली बार अपनी सच्ची स्टोरी आपके साथ शेयर कर रहा हूँ।
ये कहानी मेरे पड़ोस मे रहने वाली आंटी की है। वो अभी कुछ दिनो पहले ही रहने आई थी। उनके पति एक कम्पनी मे हैं। वो अपने बच्चो के साथ किराए पर रहने लगी थी। उनकी उम्र 32 के आस पास है। वो दिखने मे गोरी और ऊपर वाले ने उनके शरीर के हर हिस्से को तराशा हुआ है। उनके बूब्स 38-36-42 है, जो कि मुझे बाद मे पता चला। अब में स्टोरी शुरू करता हूँ।
वो आंटी दिखने मे बहुत सुंदर थी, में उन्हे रोज़ छुपकर देखता था। जब वो अपने घर के आँगन मे झाड़ू लगाती थी तो में अपने घर की छत पर से उन्हे घूर घूर कर देखा करता था। वो क्या माल थी। जब वो झुकती तब उनके बूब्स तो मुझे नहीं दिखते थे लेकिन कपड़ो के ऊपर से ही साइज़ देखकर मेरा लंड झटके मारने लगता और मे नीचे आकर बाथरूम मे जाकर उनके नाम की मुठ मारता था।
जब भी वो चलती थी तो उनके चूतड़ ऐसे मटकते थे कि बूढ़े का भी लंड खड़ा कर दे जब भी वो घर से बाहर पैदल निकलती तो में भी कुछ भी बहाने से उनके पीछे हो लेता और उनके मदमस्त मोटे और गोल कूल्हे देखकर मन ही मन सोचता कि कब में मेरा लंड इनकी गांड मे डालूँगा और कब मेरा सपना पूरा होगा और कई बार आंटी ने मुझे नोटीस भी किया और वो मुस्कुरा देती और उनकी मुस्कान इतनी ग़ज़ब थी कि मुझसे कंट्रोल नहीं होता था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता स्टोरीज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

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