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Sunday, May 10, 2015

बुढिया की चूत की धुलाई की

बुढिया की चूत की धुलाई की 

में एक २५ साल का बिहारी भैया हूँ, और आज दिल्ली में शर्मा जी के यहाँ नोकरी करता हूँ. वेसे तो बहोत बार चूत मारी हे लेकिन क्या हे की रूटीन में नहीं मिलती हे इस लिए कभी कभी अपना हाथ से ही करना पड़ता हे. सो कहानी पे आते हे,.
महीने भर मेरे मालिक की अम्माजी अपना घुटनों का इलाज करवाने दिल्ली आ गयी. गोरी चिट्टी खूब मोटी, बुढिया पर सुन्दर थी दिखने में. ना जाने क्यू बूढी को देख कर ख्याल आया की , जब ये अभी भी इतनी सुन्दर हे तो जवानी में कितनी सुन्दर रही होगी. अगर अब भी उसको चोदन को मिल जाए तो मजा आ जाए.
माजी की सारी देख भाल का जिम्मा मुझे ही मिला. सिर्फ उनकी टांगो पर तेल की मालिश चंपा (दूसरी नौकरानी) करती थी. कभी कभी में भी बहाने से चोरी छुपी बुढिया की मसल्स से भरी जांघे देख लेता था. वेसे तो मेने चंपा को भी पटाने की कोशिस की थी, पर साली पटी नहीं. फिर एक दिन चंपा कुछ दिनों के लिए अपने गाँव चली गयी. तो अब समस्या ये की माजी की टांगो की मालिस कौन करे? मालिक मालकिन अपने अपने काम पर बच्चे स्कूल कॉलेज. तो मेने एक दिन कहा माजी आप आज्ञां दे तो आप की सेवा में कर दिया करूँ.

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